बुधवार, 21 सितंबर 2016

तभी आसमान से अचानक ज़ोर-ज़ोर से बादलों के कड़कड़ाने की आवाज़ आने लगी। गरज के साथ ही कुछ मोटी-मोटी बूँदें गिरनी शुरू हुईं और देखते-देखते मूसलाधार बारिश शुरू हो गयी।  अपना-अपना काम रोक कर सब गैरेज में ही इधर-उधर छिप गए।
अरे ये क्या? आकाश केवल बारिश करके ही नहीं रुका,बल्कि बूंदों के पीछे-पीछे रुई के सफ़ेद फाहे से ओले भी झमाझम नाचते हुए गिरने लगे।
एक बड़ा सा सफ़ेद बर्फ का गोल टुकड़ा उछलता हुआ गैरेज के ठीक सामने की ओर आकर गिरा।
कॉकरोच चिल्लाया-"वो देखो वो देखो...."
-"क्या" मेंढकी ने गर्दन उठा कर देखते हुए कहा।
-"मुझे लगता है कि वो ओला नहीं है बल्कि उस में ही मंगल ग्रह के जुगनू आये हैं।" कॉकरोच ने पूरे विश्वास से कहा।
गिलहरी डाँट कर बोली -"चल ! तुझे वो ओला टैक्सी दिखती है क्या?"
सब हँस पड़े।
इतने में ही दीवार पर ऊपर की तरफ से रेंगती हुई एक छिपकली नीचे आई और बोली-"तुम लोग इस कॉकरोच की हँसी उड़ा रहे हो, मगर ये एकदम ठीक बात कह रहा है। मैं अभी ऊपर से देख रही थी, ये जो बड़ा सा ओला आकर गिरा है, इसमें से ज़ोर की चमक बार-बार निकलती है।  ये ज़रूर कोई अजूबा है।  साधारण बर्फ का गोला नहीं है।"
छिपकली की बात से सब चौकन्ने हो गए और रोमांचित होकर उस तरफ देखने लगे जिधर वह ओला पड़ा था। सचमुच ऐसा लग रहा था कि बर्फ का वह टुकड़ा धूप में चमक रहा हो।  लेकिन धूप का तो कहीं नामो-निशान नहीं था, आसमान तो बादलों से घिरा था।
-"शायद भीतर से जुगनू लोग टॉर्च डाल कर बाहर का मुआयना कर रहे हैं?" मेंढकी ने कहा।
-"तो वो निकलने में इतनी देर क्यों लगा रहे हैं?"गिलहरी से रहा न गया।
-"इतनी दूर से आये हैं, वो थके-मांदे भी तो होंगे।"कॉकरोच बोला।
-"और भूखे भी तो।" मेंढकी ने चिंता जताई।
-"अरे पर वो दिखते क्यों नहीं हैं? 'मिस्टर इंडिया' हैं क्या ?"छिपकली झल्लाई।
-"मिस्टर इंडिया कैसे हो सकते हैं, वे तो मिस्टर मंगल होंगे।" कॉकरोच ने अपना ज्ञान बघारा।
एकाएक वहां भगदड़ सी मच गयी। एक चूहा तेज़ी से दौड़ता हुआ सामने से भागा, उसके पीछे-पीछे एक बिल्ली भी दौड़ लगाती हुई आई। चूहा झटपट एक पेड़ की जड़ में बने बिल में घुस गया, बिल्ली हाथ मलती रह गयी।
बिल्ली ने वहां इतने सारे प्राणियों को देखा तो शर्म से पानी-पानी हो गयी। अपनी झेंप मिटाने के लिए बोली-"मैं तो इस चूहे को खीर खिलाने के लिए बुला रही थी। शरारती कहीं का ! देखो न जाने कहाँ छिप गया।"                  
  
      

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